लेखनी कविता - बातें - नागार्जुन

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बातें / नागार्जुन  खिचड़ी विप्लव देखा हमने » बातें– हँसी में धुली हुईं सौजन्य चंदन में बसी हुई बातें– चितवन में घुली हुईं व्यंग्य-बंधन में कसी हुईं बातें– उसाँस में झुलसीं ...

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